पूर्व प्रधानमंत्री और प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की उम्र में गुरुवार रात निधन हो गया। उन्हें सांस लेने में तकलीफ के चलते दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में भर्ती कराया गया था। एम्स ने पुष्टि की कि उन्होंने रात 9:51 बजे अपनी अंतिम सांस ली।
एम्स में भर्ती होने के बाद नहीं बच सकी जान
डॉ. मनमोहन सिंह को गुरुवार शाम लगभग 8:06 बजे एम्स के इमरजेंसी वार्ड में लाया गया। सांस लेने में दिक्कत और उम्र से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं के कारण उन्हें आईसीयू में रखा गया था। डॉक्टरों की मल्टी-डिसिप्लिनरी टीम ने उनकी स्थिति पर लगातार नजर रखी, लेकिन उनकी हालत बिगड़ती चली गई और सभी प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।
देश के लिए अमूल्य योगदान
डॉ. मनमोहन सिंह का राजनीतिक और आर्थिक क्षेत्र में योगदान अतुलनीय है। उन्होंने 2004 से 2014 तक लगातार दो बार प्रधानमंत्री के रूप में देश का नेतृत्व किया। इससे पहले वह वित्त मंत्री, वित्त सचिव और भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत रहे। 1991 में नरसिम्हा राव सरकार के दौरान उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को उदारीकरण की राह पर लाने में प्रमुख भूमिका निभाई। उनकी नीतियों ने देश को आर्थिक संकट से उबारने में मदद की।
2008 की वैश्विक मंदी में प्रभावी नेतृत्व
मनमोहन सिंह ने 2008 में वैश्विक आर्थिक मंदी के दौरान अपने नेतृत्व का लोहा मनवाया। उनकी नीतियों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाए रखने में मदद की, जिससे भारत इस संकट से अन्य देशों की तुलना में जल्दी उबर सका। उनके कार्यकाल में भारत की आर्थिक वृद्धि दर ने वैश्विक स्तर पर सराहना पाई।
राजनीतिक और सामाजिक शोक
उनके निधन की खबर ने पूरे देश को शोकाकुल कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा, “डॉ. मनमोहन सिंह जी ने अपनी सादगी, व्यावहारिक दृष्टिकोण और आर्थिक दूरदृष्टि से देश को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके परिवार और अनगिनत प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ओम शांति।”
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई अन्य राजनीतिक नेताओं ने भी एम्स पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की।
साधारण परिवार से शुरू हुआ असाधारण सफर
डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 1932 में पाकिस्तान के गाह गांव में हुआ था। विभाजन के बाद उनका परिवार भारत आ गया। उन्होंने अपनी शिक्षा की शुरुआत पंजाब यूनिवर्सिटी से की और बाद में कैंब्रिज और ऑक्सफोर्ड जैसे विश्व प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में अध्ययन किया।
अंतिम श्रद्धांजलि
डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के साथ ही भारत ने एक महान नेता और अर्थशास्त्री को खो दिया है। उनके द्वारा स्थापित नीतियां और आदर्श आने वाले वर्षों तक प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे। उनके परिवार, समर्थकों और राष्ट्र के प्रति हमारी संवेदनाएं।
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