पाकिस्तान में सेना प्रमुख Asim Munir की गिरफ्तारी: भारत-पाक तनाव के बीच बड़ा राजनीतिक भूचाल

Asim Munir

भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य टकराव के बाद पाकिस्तान में बड़ा राजनीतिक और सैन्य संकट खड़ा हो गया है। ताजा खबरों के मुताबिक, पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल Asim Munir को सेना प्रमुख पद से हटा दिया गया है और उन्हें हिरासत में ले लिया गया है। उनकी जगह जनरल शमशाद मिर्जा को नया सेना प्रमुख नियुक्त किया गया है5। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है और दोनों देशों की सेनाओं के बीच सीधी भिड़ंत हुई है।

भारत का ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और पाकिस्तान की प्रतिक्रिया

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने अपनी सैन्य रणनीति में बड़ा बदलाव करते हुए पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमले किए। इन हमलों को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया 311। भारत ने बहावलपुर, मुरीदके, गुलपुर, कोटली, मुजफ्फराबाद समेत नौ ठिकानों पर मिसाइलें दागीं, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के गढ़ शामिल थे 11

भारत की इस कार्रवाई के जवाब में पाकिस्तान ने भी भारत के सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला करने की कोशिश की, लेकिन भारतीय डिफेंस सिस्टम ने सभी हमलों को नाकाम कर दिया12। पाकिस्तान ने इस कार्रवाई के बाद भारत को युद्ध की धमकी दी और जवाबी हमलों का दावा किया8

Asim Munir की गिरफ्तारी और सेना में बदलाव

इन घटनाओं के बीच पाकिस्तान में बड़ा सैन्य उलटफेर हुआ। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, जनरल Asim Munir को सेना प्रमुख के पद से हटा दिया गया है और उन्हें हिरासत में ले लिया गया है 54। उनकी जगह जनरल शमशाद मिर्जा को नया सेना प्रमुख नियुक्त किया गया है। इस घटनाक्रम ने पाकिस्तान की राजनीति और सेना के बीच लंबे समय से चल रहे तनाव को एक बार फिर उजागर कर दिया है 5

विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम पाकिस्तान के भीतर सिविल और सैन्य ताकतों के बीच लंबे समय से चल रहे विवाद, राजनीतिक अस्थिरता और सैन्य विद्रोह की आशंका के चलते उठाया गया है 4। Asim Munir का कार्यकाल पहले से ही विवादों में रहा है, जिसमें उनका सिविल सरकार से तनावपूर्ण संबंधों का अहम योगदान रहा।

पाकिस्तानी सेना में असंतोष और आलोचना

आसिम मुनीर की नीतियों और नेतृत्व को लेकर पाकिस्तान के भीतर भी असंतोष देखने को मिला है। पाकिस्तानी सेना के पूर्व सैनिक आदिल राजा ने सोशल मीडिया पर सरकार और सेना की आलोचना करते हुए कहा कि आसिम मुनीर को हटाया जाना चाहिए और उनके खिलाफ सैन्य अदालत में मुकदमा चलना चाहिए6। उन्होंने आरोप लगाया कि मुनीर ने ही पहलगाम आतंकी हमले का आदेश दिया था और भारत को जवाब देने में वे विफल रहे।

भारत-पाक तनाव: बयानबाजी और कड़ी चेतावनी

भारत द्वारा किए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना ने भारत को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी8। वहीं, पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने भी बयान दिया था कि पाकिस्तान अपनी ‘इज्जत बचाने के लिए पूरी ताकत से जवाब देगा’7। हालांकि, भारत ने अपनी कार्रवाई को केंद्रित, संतुलित और गैर-उत्तेजक बताया, साथ ही स्पष्ट किया कि पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को निशाना नहीं बनाया गया था12

बलोचिस्तान और आंतरिक असंतोष

पाकिस्तान के भीतर बलोच नेताओं और अन्य विपक्षी गुटों ने भी आसिम मुनीर और सेना के रवैये की आलोचना की है। बलोच नेता अख्तर मेंगल ने मुनीर के बयानों पर तंज कसते हुए कहा कि ’90 हजार सैनिकों की पतलूनें आज भी टंगी हैं’, जो पाकिस्तान की पिछली पराजयों की याद दिलाता है10

भारत-पाक संघर्ष का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य

भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव का इतिहास पुराना है। 1947 के युद्ध से लेकर 2019 की बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक और अब 2025 के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ तक, दोनों देशों के बीच कई बार सैन्य तनाव चरम पर पहुंचा है11। हर बार भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है और पाकिस्तान को सख्त जवाब दिया है।

निष्कर्ष

पाकिस्तान में सेना प्रमुख आसिम मुनीर की गिरफ्तारी और सेना में नेतृत्व परिवर्तन ऐसे समय में हुआ है जब भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव अपने चरम पर है। यह घटनाक्रम न सिर्फ पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति और सेना के भीतर असंतोष को उजागर करता है, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भी चिंता का विषय है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि जनरल शमशाद मिर्जा के नेतृत्व में पाकिस्तान की सैन्य नीति और भारत से रिश्तों में क्या बदलाव आता है।

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